हिंदी एवं भारतीय/ विदेशी भाषाओं में परस्पर उपलब्ध अनुवाद कार्यों और उनके अनुवादकों की जानकारी का ऑनलाइन डेटाबेस
देश विदेश में सक्रिय हिंदी विद्वानों और उनके रचनात्मक/ अकादमिक कार्यों की जानकारी का ऑनलाइन डेटाबेस
हिंदी विश्वकोश परियोजना
- संस्थान द्वारा ज्ञान-विज्ञान के प्रमुख विषय क्षेत्रों से संबंधित 16 खंडों में हिंदी विश्वकोश का निर्माण।
- प्रकाशित खंड – ‘गणित’, ‘पृथ्वी एवं भूगोल’ और ‘विज्ञान’
- शीघ्र प्रकाश्य खंड – ‘समाज एवं जीवन’, ‘इतिहास’, ‘जनसंचार’ और ‘सूचना एवं प्रौद्योगिकी’
- शेष खंडों का कार्य प्रगति पर।
हिंदी विश्वकोश के खंड –
पूर्वोत्तर अध्येता कोश निर्माण परियोजना
हिंदी-कॉकबरक (त्रिपुरा)
हिंदी-मि़जो (मिजोरम)
हिंदी-निशी (अरुणाचल प्रदेश)
हिंदी-खासी (मेघालय)
हिंदी-गारो (मेघालय)
हिंदी-मणिपुरी (मणिपुर)
हिंदी-नेपाली (सिक्किम)
हिंदी-ओड़िआ (ओड़िशा)
हिंदी-असमिया (असम)
हिंदी-बल्ती (जम्मू-कश्मीर)
हिंदी-भूटिया (सिक्किम)
हिंदी-लेप्चा (सिक्किम)
हिंदी-लिम्बू (सिक्किम)
हिंदी-राई (सिक्किम)
हिंदी-जेलियांग (नागालैंड)
हिंदी-डोगरी (जम्मू-कश्मीर)
17. हिंदी-भीली (मध्य प्रदेश)
18.हिंदी-कॉकबरक (त्रिपुरा)
19. हिंदी-सौराष्ट्री(गुजरात)
20. हिंदी-सुरती (गुजरात)
21. हिंदी-पट्टणी (गुजरात)
22. हिंदी-चरोतरी (गुजरात)
23. हिंदी-मोनपा (अरुणाचल प्रदेश)
24. हिंदी-नोक्ते (अरुणाचल प्रदेश)
25. हिंदी-आदी (अरुणाचल प्रदेश)
26. हिंदी-सिंग्फो (अरुणाचल प्रदेश)
27. हिंदी-सिंधी
28. हिंदी-तेलुगु (आंध्रप्रदेश,तेलंगाना)
29. हिंदी-कोंकणी (गोवा)
30. हिंदी-मलयालम (केरल)
31. हिंदी-सेमा (नागालैंड)
32. हिंदी-गालो (अरुणाचल प्रदेश)
33. हिंदी-पंजाबी (पंजाब)
34. हिंदी-राभा (असम)
35. हिंदी-जयंतिया (मेघालय)
36. हिंदी-कन्नड़ (कर्नाटक)
37. हिंदी-शीना (जम्मू-कश्मीर)
38. हिंदी-जमातिया (त्रिपुरा)
39. हिंदी-तागिन (अरुणाचल प्रदेश)
40. हिंदी-मिशमी (अरुणाचल प्रदेश)
41. हिंदी-तमिल (तमिलनाडु)
42. हिंदी-गुजराती (गुजरात)
43. हिंदी-मराठी (महाराष्ट्र)
44. हिंदी-बांग्ला (बंगाल)
45. हिंदी,खासी, गारो, निशी एवं अंग्रेजी (पाँच भाषाओं हेतु पॉकेट शब्दकोश)
46. हिंदी-मिसिंग (असम),
47. हिंदी-बोरो/बोड़ो (असम),
48. हिंदी-कुमाऊँनी (उत्तराखंड)
49. हिंदी-गढ़वाली (उत्तराखंड)
- 02 कोश निर्माण-प्रक्रिया में – 1. हिंदी-निकोबारी (अंडमान-निकोबार), 2. हिंदी-संताली (झारखंड)
- प्रस्तावित कोश – हिंदी-गूजरी, हिंदी-अका, हिंदी-फिजी आदि
हिंदीतर भाषाओं का लोक साहित्य निर्माण परियोजना
- पूर्वोत्तर एवं हिंदीतर लोक साहित्य परियोजना के अंतर्गत पूर्वोत्तर एवं हिंदीतर भारत की 83 भाषाओं/ बोलियों के लोक साहित्य पर आधारित हिंदी पुस्तकों का निर्माण की योजना।
- मिजो, मणिपुरी, कॉकबरक, बोरो, डोगरी, पंजाबी, मोनपा लोक साहित्य की 07 पुस्तकें प्रकाशित।
- निशी, नोक्ते, गालो, सिंग्फो, आदी, गारो, भूटिया, असमिया, बघेली, भीली, गोंडी, मराठी, संभलपुरी, ओडिया और गुजराती 15 भाषाओं/बोलियों के लोक साहित्य पर कार्य जारी।
हिंदी लोक शब्दकोश परियोजना
हिंदी लोक शब्दकोश परियोजना का उद्देश्य है – हिंदी की लोकभाषाओं की विशिष्ट शब्द संपदा का संरक्षण और इनके भावी विकास के लिए आधुनिक सूचना-तकनीकी माध्यमों से डिजिटलीकृत प्रलेखन। संस्थान के अनुसंधान एवं भाषा-विकास विभाग द्वारा संचालित हिंदी लोक शब्दकोश परियोजना अधुनातन भाषा वैज्ञानिक पद्धति एवं कोश वैज्ञानिक तकनीकों के साथ हिंदी की लोकभाषाओं के संरक्षण एवं सवर्धन के लिए प्रवृत हुई है जिसका दूरगामी भाषिक और अनुसंधानपरक महत्व है।
हिंदी की लोकभाषाओं के संरक्षण और संवर्धन का इतने व्यापक एवं व्यवस्थित स्तर पर प्रयास पहली बार किया जा रहा है। परियोजना के अंतर्गत निर्मित कोश न केवल स्थानीय विशिष्ट शब्दावली से समृद्ध हैं बल्कि संबंधित लोक भाषाओं की सांस्कृतिक चेतना के विभिन्न पहलुओं को भी उजागर करने वाले हैं।
इस परियोजना में हिंदी की 18 प्रमुख मातृभाषाओं (उपभाषाओं और बोलियों) के लोक शब्दकोशों का निर्माण किया जाएगा।
अभी तक कुल 03 लोक शब्दकोश निर्मित हुए हैं – भोजपुरी, ब्रजभाषा और राजस्थानी (मारवाड़ी)
02 लोक शब्दकोशों अवधी और बुंदेली का संपादन कार्य जारी है।
भोजपुरी-हिंदी-अंग्रेज़ी लोक शब्दकोश
Bhojpuri-Hindi-English Dictionary
भविष्योन्मुखी योजनाएँ
- संस्थान मुख्यालय और विभिन्न केंद्रों पर कुछ नये दक्षतापरक पाठ्यक्रमों (अनुवाद, भाषाविज्ञान, जनसंचार एवं पत्रकारिता, हिंदी में कंप्यूटर-तकनीकी कौशल, हिंदी पाठ-शोधन आदि) का आरंभ।
- संस्थान के अकादमिक कार्यक्रमों का देश-विदेशों में विस्तार : विश्व के कुछ देशों में हिंदी शिक्षण पाठ्यक्रम की शुरुआत।
- भारत के विभिन्न राज्यों में केंद्र स्थापना : अरुणाचल प्रदेश एवं जम्मू एवं कश्मीर राज्य में संस्थान के नये केंद्र की स्थापना हेतु राज्य सरकारों से संवाद।
- केंद्रीय हिंदी संस्थान को मानद विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता हेतु प्रयास।
- मुख्यालय आगरा में महिला छात्रावास, अतिथि निवास का निर्माण प्रस्तावित ।
- दीमापुर केंद्र के लिए आवंटित भूखंड पर भवन निर्माण प्रस्तावित।
- गुवाहाटी केंद्र के लिए राज्य सरकार से भूखंड आवंटन हेतु प्रयास।